7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है. महंगाई भत्ते को 38 फीसदी से बढ़ाकर 42 फीसदी कर दिया गया है. मोदी सरकार के इस फैसले से एक करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा. हर वर्ष मार्च महीने में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में केंद्र सरकार बढ़ोतरी करती है जिससे उन्हें महंगाई से राहत दिलाई जा सके.
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए मंहगाई भत्ते (डीए) को मौजूदा 38 फीसदी से चार फीसदी बढ़ाकर 42 फीसदी कर दिया गया है. कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते की गणना श्रम ब्यूरो द्वारा जारी किए जाने वाले औद्योगिकी श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर करती है.
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनधारकों के महंगाई राहत में बढ़ोतरी का फैसला एक जनवरी 2023 से लागू माना जाएगा. यानि कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में बढ़ोतरी के फैसले के बाद सरकार के खजाने पर 12,815.60 करोड़ रुपये सालाना का बोझ आएगा. इस फैसले का फायदा 47.58 लाख कर्मचारियों और 69.76 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा. ये बढ़ोतरी 7वें वेतन आयोग के सिफारिशों के आधार पर तय फॉर्मूले के बेसिस पर की गई है. केंद्र सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ता यानी डियरनेस एलाउंस और डियरनेस रिलीफ यानी महंगाई राहत की समीक्षा कर उसे बढ़ाती है.
कितना बढ़ेगा डीए
महंगाई भत्ता बढ़ने से केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन में बढ़ोतरी होगी. उदाहरण के लिए मान लिजिए अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी का बेसिक सैलेरी 25500 रुपये है. 38 फीसदी डीए के हिसाब से अभी 9690 रुपये मिलता है. डीए अगर 42 फीसदी हो जाता है महंगाई भत्ता बढ़कर 10,710 रुपये हो जाएगा. यानि हर महीने 1020 रुपये वेतन बढ़ जाएगा.