पश्चिम बंगाल : शिक्षा घोटाले में अर्पिता मुखर्जी की परेशानी दिनों -दिन बढ़ती जा रही है। बुधवार की दोपहर से ही ED की एक टीम उनके दूसरे घर पर मौजूद है और जांच की जा रही है। News है कि एक बार फिर से उनके घर पर भारी तादाद में रूपये मिले हैं। अमाउंट इतनी अधिक है कि ईडी ने नोट गिनने वाली मशीनें मंगलवा ली है। अभी तक ईडी ने 20 करोड़ रूपये के लगभग कैश बरामद किया है और 3 किलो सोना भी जब्त किया है।
ED सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार अर्पिता के क्लब डाउन वाले अपार्टमेंट में छापेमारी की गयी थी।
ऐसे इनपुट मिले थे कि वहां पर भी कैश छिपाकर रखा गया। अब ईडी जांच में फिर वहां से नोटों का अम्बार मिल गया है। अभी तक इडी ने इस मामल में 42 करोड़ रूपये कैश बरामद कर लिया है।
विदेशी करेंसी भी जब्त की गयी है। पिछली रेड में अर्पिता के घर से 20 से अधिक फोन और कंई कंपनियों के कागजात भी जब्त किये गये थे।
भर्ती के उम्मीदवारों से संबंधित दस्तावेज मिले
बड़ी यह बात भी है कि ईडी को पार्थ के घर से क्लास सी और डी सेवाओं में भर्ती के उम्मीदवारों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं।
सबूतों से पता चलता है कि पार्थ चटर्जी सक्रिय रूप से ग्रुप डी के कर्मचारियों की नियुक्ति में शामिल हैं। लेकिन अभी तक पार्थ चटर्जी की ओर से जांच में अधिक सहयोग नहीं किया है।
ED के अनुसार हर सवाल का जवाब उन्होंने सिर्फ इतना दिया है कि उन्हें कुछ नहीं पता। ऐसे में आने वाले दिनों में उनके सामने सबूतों के आधार पर और अधिक सवाल दागे जा सकते हैं।
अर्पिता मुखर्जी से भी सवालों का सिलसिला बढ़ सकता है। अभी तक उनके घर से कैश मिलने की प्रक्रिया जारी है।
अर्पिता का कबूलनामा, पार्थ के लिये बनी चुनौती
पार्थ चटर्जी की परेशानी इसलिये भी अधिक बढ़ सकती है।
क्योंकि पूछताछ में अर्पिता यह स्वीकार कर चुकी है कि घर में बरामद हुआ कैश पार्थ का है। यहां तक दावा हुआ है कि पैसों को अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी कम्पनियों में लगाने की योजना थी। नगर राशि भी एक-दो दिन में उसके घर से बाहर ले जाने की तैयारी थी।
लेकिन यह सब हो पाता, उससे पहले ही ईडी ने उस पहाड़ को अपने कब्जे में ले लिया और इस घोटाले में कई बड़े नाटकीय मोड़ आ गये।
अभी के लिये सीएम ममता बनर्जी ने स्वयं को इस घोटाले से पूरी तरह अलग कर लिया है। वह भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की बात कर रही है। लेकिन पार्थ चटर्जी को लेकर कोई बयान नहीं दे रहीं हैं।